Friday 6 January 2017

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में हिंदी भवन बनेगा बिजय कुमार जी आपकी मेहनत जरुर सफल होगी ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा बनेगी

५ जनवरी २०१७ : ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का मिले सम्मान, सफल होगा यह अभियान, इस पर मुहर लगाते हुए भाजपा सांसद प्रसन्न कुमार पाटसानी ने ‘हिंदी वेल्पेâयर ट्रस्ट’ के संस्थापक अध्यक्ष बिजय कुमार जैन व समस्त हिंदी संस्थाओं द्वारा आयोजित ५ जनवरी २०१७ को तेरापंथ भवन, कटक रोड, भुवनेश्वर में प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सांसद पाटसानी ने कहा कि मुझे बड़ा ही दुःख होता है कि विश्व के सभी राष्ट्रों की अपने-अपनी राष्ट्रभाषा है मात्र भारत को छोड़कर, संसद में राजभाषा संवाहक के रुप में मैं कार्यरत हूँ और अब मैं ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा के पद पर देखना चाहता हूँ, आज मुम्बई से पधारे वरिष्ठ संपादक-पत्रकार व हिंदी वेल्पेâयर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष बिजय कुमार जी ने मुझे आज इतनी संख्या में उपस्थित हिंदी प्रेमियों के बीच सम्मानित किया, इस सम्मान को मैं ग्रहण करता हूँ और यह वायदा भी करता हूँ कि अब उड़िसा में ‘हिंदी भवन’ बन के रहेगा साथ ही ३० तारीख को मैं महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर दिल्ली स्थित राजघाट मैं उपस्थित भी रहूंगा साथ ही और भी सांसदों को लेकर आऊंगा।

सांसद वैष्णव चरण परीडा ने कहा कि आज मैं बहुत ही खुश हूँ कि ‘हिंदी’ बने राष्ट्रभाषा लिए जो जनजागरण अभियान शुरू हुआ है, यह मेरी जिंदगी की हार्दिक इच्छा हैं और यह जरुर होना चाहिए, मुझे आश्चर्य होता है कि बिजय कुमार जी जो स्वयं मुम्बई रहते हैं और पहली बार भुवनेश्वर आये हैं उनके आव्हान पर इतने भाषा प्रेमियों की उपस्थिति देखकर, मैं ‘हिंदी’ बनें राष्ट्रभाषा के लिए एक कार्यकर्ता के रुप में समर्पित भाव रखता हूँ।


सभा सदन में उपस्थित प्रसिध्द समाज सेवी प्रकाशचंद्र बेताला ने आयोजन की सफलता के लिए प्रमुख भुमिका निभाई। सर्वश्री डॉ. राधाकांता मिश्रा, डॉ. शंकरलाल पुरोहित, डॉ. अजय पटनायक के साथ सदन में कई भाषाविद, हिंदी प्रेमी, उड़िसा दैनिक ‘संवाद’ की पत्रकार सस्मिता साहु, हिन्दी दैनिक ‘सन्मार्ग’ के हेमन्त तिवारी व कई हिंदी पत्रकार, कलिंगा चैनल के वॅâमरामॅन सभ्यसाक्षी महापात्रा व पत्रकार अरुणधाती, श्री सुभाषचंद्र भुरा ने उड़ीसा तेरापंथ समाज की तरफ से बिजय कुमार जैन का सम्मान किया, उड़ीसा माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष घनश्याम पेढीवाल, डॉ. उर्मिमाला आचार्य अध्यापक, डॉ. ममता दास सेवामुक्त अध्यापिका, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, डॉ. कमलिनी 
पाणीग्रही प्रवक्ता हिंदी विभाग, नम्रता चढ्ढा सदस्य जे. जे. बोर्ड, मानस बसंतिआ, सीए अनूप अग्रवाल, अधिवक्ता अमुल्य कुमार दास, डॉ. इति सामंत पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार अशोक पांडे, सेवानिवृत प्राचार्य अजीत प्रसाद महापात्रा, प्रसिध्द व्यवसायी अमरचंद बरडिया, जानी मानी कवयित्री पुष्पा सिंघी, सीमा अग्रवाल, छात्रा गीता बेहरा, गोलप बेहरा, मनोरमा पात्रा, शुभाशिष साहु, कान्हुचरण पात्रा, सुजित कुमार दास, छात्र अनन्तमय महावुंâड, हिंदी शिक्षक सुधांशु शेखर साहु, डॉ. चिरंजीलु साहु, मनोज राऊत, भालचंद्र सिंघी, डॉ़ अमूल्य रतू महांति, छात्र विष्णु प्रसाद, दधिबावन पंडा, योगेश्वर मेहर के साथ भारत सरकार की कम्पनी ‘नालको’ में कार्यरत राजभाषा अधिकारी हरिराम पंसारी ने प्रोजेक्टर पर अपने द्वारा किए गए अभूतपूर्व हिंदी के कार्यों को दिखाया, श्री पंसारी ने कहा कि ‘हिंदी’ में वो क्षमता है कि वो विश्व की वाणी बन सकती है। हरिराम जी की अथक मेहनत आधुनिक यंत्रों में हिंदी का प्रयोग, अनुवाद, लेखन, कई-कई प्रकरण को देख बिजय कुमार जी ने निवेदन किया कि पंसारी साहेब आपके कार्यों को अब हम पूरे विश्व में पहुंचायेंगे ताकि हिंदी को हर कोई ग्राह्ल करे और रोजगार की भाषा भी बनाई जाये।

बिजय कुमार जैन ने ‘हिंदी’ बने राष्ट्र भाषा अभियान के लिए हो रहे कार्यों को सभासद को अवगत कराते हुए कहा कि आप सभी ३० जनवरी २०१७ को महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथी पर दिल्ली राजघाट समाधीस्थल पर उपस्थित हो कर प्रण लें कि अब महात्मा गांधी के अधूरे सपने को  हम सब मिलक पूरा करेंगे क्योंकि महात्मा गांधी जी के दो ही सपने थे ‘एक आजादी-दूसरी राष्ट्रभाषा’ आजादी तो हमें सन १५ अगस्त १९४७ को प्राप्त हो गई पर ‘राष्ट्रभाषा’ बापू के भारत को आज तक प्राप्त नहीं हो पाई, हम राष्ट्रभाषा प्राप्त करके ही रहेंगे इसलिए उड़ीसा से भारी संख्या में राजघाट पहुँचें।


सभी महानुभावों ने बिजय कुमार जी के आह्वान ‘हिंदी बनें राष्ट्र भाषा’ को सराहा ही नहीं कदम से कदम मिलाकर चलने का वायदा भी किया, विशेषकर समाज सेवी आशीष मिश्रा ने कहा कि अब मेरा जीवन केवल हिंदी के लिए न्यौछावर रहेगा, ऐसा विश्वास दिलाता हूँ।


मंच का सफल संचालन प्रसिध्द समाजसेवी किशन खंडेलवाल ने किया। हिंदी राष्ट्रभाषा बनें कार्यक्रम की शुरूआत तेरापंथाचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी समूक प्रभा जी द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण के साथ आर्शीवचन हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने में आपसब आगे बढ़ें एक दिन पूरा भारत आपके साथ होगा बिजय कुमार जी... 
-मैं भा हूँ