Tuesday, 29 November 2016

भारत के हर नागरिक को अन्ना बनना होगा तब सम्पूर्ण राष्ट्र का निर्माण होगा

रालेगणसिद्धि: ‘समस्त भारतीय भाषाओं का बरकरार रहे सम्मान, और हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का सम्मान’ इस भावना के लिए चल रहे अभियान को लेकर भारतीय संस्कृति के सिपाही महाराष्ट्र स्थित अन्ना हजारे के निवास स्थल रालेगणसिद्धि में २७ नवम्बर, २०१६ को पहुंचे, अन्ना के दर्शन कर अपनी सभी भावनाओं को बताया कि हिंदी के साथ सभी भारतीय भाषाएं किस प्रकार हाशिए पर पहुंच गई है, भारतीय संस्कृति का भविष्य खतरे में है, जिस प्रकार आपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाया, आपके द्वारा किए गये कार्यों से भारत का विश्व में सम्मान बढ़ा, इसलिए आप भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए आगे आएं, सम्पूर्ण भारत में चल रहे ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ में अग्रणीय होकर मार्गदर्शन दें, अभियान के सेनापति बनकर हम सिपाहियों को निर्देश करें, ताकि हम अपने भारत को पूर्ण आजादी दिला सवेंâ, क्योंकि जिस देश की भाषा नहीं होती वह गूंगा होता है,



यह नारा महात्मा गांधी जी ने राष्ट्र को दिया था, राष्ट्र का पूर्ण निर्माण तभी हो सकता है जब राष्ट्र के लिए समर्पित भाव-भूमि व भाषा हो, आज राष्ट्र के पास भाव-भूमि तो है पर भाषा (राष्ट्र) नहीं है जबकि राष्ट्रभाषा भारत की हिंदी ही हो सकती है, अन्ना आप हमारे भारत की आवाज ‘हिंदी’ को सम्मान दिलवायें।अन्ना हजारे ने सभी बातें बड़े ही ध्यान से सुनी और यह कहा कि भारत के हर नागरिक को अन्ना बनना होगा, ईमानदारी से अपनी संस्कृति के रक्षार्थ कार्य करना होगा, आप सभी हमारे कार्यालय में जाकर सारी फाइलें जमा करवा दें, विचार करता हूं क्या करना चाहिए?

Monday, 28 November 2016

बिजय कुमार जैन संघर्षशील है, वह जरुर ‘हिन्दी’ को सम्मान दिलायेगा - नंदकिशोर नौटियाल : वरिष्ठ पत्रकार व प्रख्यात चिंतक

 नंदकिशोर नौटियाल, (वरिष्ठ पत्रकार व प्रख्यात समाज सेवी व चिंतक) वैश्विक हिन्दी सम्मेलन के संस्थापक एम.एल. गुप्ता, मुंबई अग्रवाल समाज के ट्रस्टी व आपणों राजस्थान के सहयोगी 

कानबिहारी अग्रवाल व जिनागम (समस्त जैन समाज की विख्यात पत्रिका) मेरा राजस्थान (राजस्थान भूमि की ऐतिहासिक व राजस्थानी के लिए प्रयत्नशील) व मैं भारत हूँ (राजनैतिक क्षेत्र की राष्ट्रीय पत्रिका) व हिन्दी वेलपेâयर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष बिजय कुमार जैन के साथ चर्चा गोष्ठी में निर्णय लिया गया कि ‘राष्ट्रभाषा-यात्रा’ का आयोजन १० जनवरी २०१७ विश्व हिंदी दिवस  पर जरुर किया जाना चाहिए, जिसमें देश के सभी प्रांतो के भाषा प्रेमी की उपस्थिति हो, साथ ही देश की सभी भाषाई संस्था (निजी व सरकारी) के सहयोग से ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए।


वयोवृद्ध नंदकिशोर नौटियाल ने कहा कि मैं बिजयजी को वर्षांे से जानता हूँ वे संघर्षशील व्यक्तित्व हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि उनके द्वारा ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरुर प्राप्त होगा। 

वैश्विक हिंदी सम्मेलन के संस्थापक एम.एल. गुप्ता ने कहा कि मैं विगत ३० सालों से हिंदी को राष्ट्रभाषा सम्मान दिलाने के लिए प्रयास कर रहा हूँ, अब मुझे जुनूनी व्यक्तिव बिजयजी का साथ मिला है, मेरा जीवन अब ‘हिंदी को राष्ट्रभाषा’ दिलाने के लिए समर्मित रहेगा। 

अग्रवाल समाज के वरिष्ठ समाज सेवी कानबिहारी अग्रवाल ने कहा कि मैं बिजयजी के सामाजिक कार्यों के साथ वर्षों से जुड़ा हूँ, उनके मार्ग दर्शन में आयोजित विराट ‘आपणो राजस्थान’ कार्यक्रम में मैंने भी अपनी सेवायें दी हैं और ‘हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का सम्मान’ राष्ट्रीय अभियान में कदम-दर-कदम साथ रहूँगा साथ ही सारे भारतीय समाज को जोड़ने में सफल प्रयास करूंगा। 

अनंतोगत्वा यह निर्णय लिया गया कि ‘हिंदी’ को संवैधानिक दर्जा दिलाने के प्रबलतम प्रयास के साथ सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान मिले, प्रयास के लिए जन - जागरण अभियान में सभी राजनैतिक नेताओं, अभिनेताओं व भारतीय समाज सेवी के साथ हिंदी सेवियों को जोड़ने का प्रयास युद्धस्तर पर किया जायेगा। 


मीडिया को आगे आकर हिंदी को सम्मान दिलवाना चाहिए – कुमार केतकर, अध्यक्ष, प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया - मुम्बई

कहते हैं जब कभी कोई 'संवादमीडिया अपने स्तर पर उठा लेती हैतो वो कार्य सम्पूर्ण रूप से परिपूर्ण होता है हिंदी वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित मुम्बई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष कुमार केतकर ने कहा कि 'हिंदीको संवैधानिक राष्ट्रभाषा का दर्ज़ा तो वर्षों पहले ही मिल जाना चाहिए था परंतु विभिन्न कारणों से नहीं मिल पायाकोई बात नहींअब बिजय कुमार जी जैन जब इस राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे को उठाया है और भारी संख्या में आप सभी पत्रकार - संवाददाता (प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक) की यहाँ उपस्थिति देखकर विश्वास हो गया है कि 'हिंदीभाषा को अब 'राष्ट्रभाषाका संवैधानिक दर्ज़ा प्राप्त होकर रहेगाऐसा मुझे विश्वास है |



हिंदी वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष बिजय कुमार जैन ने सवाल पुछते हुए कहा कि जिस देश की राष्ट्रभाषा नहींउसी भाषा में गाया जाने वाला राष्ट्रगीत / राष्ट्रगान 'जन-गण-मन / वन्दे मातरमकैसे हो सकता हैउन्होंने सभी पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलवाना चाहिएपूरे हिंदुस्तान की अब एक ही आवाज बने कि 'हिंदीही हमारी राष्ट्रभाषा है और रहेगीहिंदी को संवैधानिक दर्ज़ा मिलकर रहेगा |

 जय भारत जय हिंदी

Sunday, 27 November 2016

Domain Email Name in Hindi Devanagari भारतीय भाषा में ई-मेल आयडी और डोमेन कैसे बनाए ?

आम तौर पर हम लोग gmail.com, yahoo.com, rediffmail.comand msn.com जैसे डोमेन पर जाकर अग्रेजी में अपनी ईमेल बनाते हैं। मोबाइल पर भी इसी तरह की ईमेल का प्रयोग करते हैं। भारत में यदि पूर्णतः हिंदी देवनागरी में ईमेल हम चाहते हैं तो यह मिल नहीं पाती है। लेकिन .भारत के आने से अब हिंदी में मुफ्त ईमेल प्राप्त करने का अवसर मिल गया है। यदि आप अपने नाम की ईमेल प्राप्त करना चाहते हैं तो यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें और अपनी ईमेल हिंदी में बना लें। अभी आरंभ ही हुआ है इसलिए आपको अपनेनाम की मुफ्त ईमेल मिल जाएगी। आप इस माध्यम से अमितमेड़तिया@डाटामेल.भारत या राधाकृष्णशर्मा@डाटामेल.भारत या रिछपालसिंह@डाटामेल.भारत बना सकते हैं। 
हिंदी में मुफ्त ईमेल के लिए यहाँ क्लिक करें। 


Free Hindi Email CLICK HERE जो लोग मुफ्त डोमेन हिंदी में जैसे अमितमेड़तिया.भारत या राधाकृष्णशर्मा.भारत या रिछपालसिंह.भारत चाहते हैं तथा मुफ्त डोमेन से अपनी साईट या ब्लॉग मुफ्त में होस्ट करना चाहते हैं उनके लिए साइट लिंक नीचे दी जा रही है। उपरोक्त उदाहरण में .भारत डोमेन दिए गए हैं यह .com .org .in .co.in की तरह ही हिंदी में बनाया गया डोमेन एक्सटेंशन है।


FREE HINDI DOMAIN
हिंदी मुफ्त डोमेन .भारत पंजीकृत कराएं तथा इस डोमेन पर मुफ्त साइट 5 मिनट में बनाएं, यहाँ क्लिक करें
डोमेन रजिस्टर करने से लेकर मुफ्त ब्लॉग गूगल पर बनाने तथा उसे अपने मुफ्त .भारत डोमेन के साथ जोड़ने के लिए पूरी विधि ऊपर दिए गए लिंक में दी गई है। संपूर्ण प्रक्रिया को चित्रों सहित हिंदी में समझाया गया है जिससे आप 5 मिनट में अपना हिंदी डोमेन लेकर तुरंत अपनी साइट आरंभ कर सकते हैं।


राहुल खटे स्वयं अहिंदीभाषी होते हुए भी हिंदी के लिए तकनीकी वैज्ञानिक शोध तथा संबंधित साहित्य का अध्ययन व प्रचार करते हैं तथा उन्होंने अपना ब्लॉग हिंदी में तैयार कर लिया है इसे भी देखें तथा उनसे भी संपर्क कर हिंदी में कार्य करने के लिए सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। 

हिंदी देवनागरी के लिए यदि आपने भी कोई अभिनव कार्य किया है तो ऊपर दाएं भाग मे हरे रंग का संपर्क संदेश करने का माध्यम है। आप भी संपर्क करें तथा हिंदी को राजभाषा से आगे राष्ट्रभाषा बनाने के इस यज्ञ में सहयोग करें। पारस्परिक सहयोग मैत्री सहभागिता से हिंदी को आगे बढ़ाने से ही यह कार्य होगा। 
हिंदी ब्लॉग राहुल खटे


किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें
निवेदक
बिजय कुमार जैन : 9322307908
संस्थापक

Saturday, 26 November 2016

मीरा भायंदर मनपा मुख्यालय में हिंदी वेल्फेयर ट्रस्ट के तरफ से आयोजित “हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का सम्मान ” कार्यक्रम सम्प्पन

महाराष्ट्र ठाणे जिला अंतर्गत 10 सितम्बर 2016 को मिरा भायंदर महानगर पालिका मुख्यालय के पत्रकार कक्ष में ” हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का सम्मान” विषय पर  पत्रकारों की एक  परिचर्चा रखी गयी, जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण पत्रकार जगत को एकत्रित कर  पत्रकारिता के माध्यम से हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के अभियान को भारत देश के हर राज्य ,हर शहर , हर गांव, हर घर के जनता तक पहुंचाने का आवाहन करना था। इस परिचर्चा में मिरा भायंदर के तथा वसई- विरार के  अनेकों पत्रकार सम्मिलित हुए।



मैं भारत हूँ, जिनागम तथा मेरा राजस्थान के संपादक एवं हिंदी वेल्फेयर ट्रस्ट के संपादक श्री विजय कुमार जैन ने  मिरा-भायंदर पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री राजुकाले द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुवात की।

विजय जी ने पत्रकारों के समक्ष देश में हिंदी की जरुरत, महत्त्व और सम्मान की चर्चा के साथ ही ये भी कहा कि हर प्रान्त की अपनी भाषा उस प्रान्त की अस्मिता होती है, किन्तु जब पूरे देश की बात की जाये,एवं हिंदुस्तान की बात की जाये तो हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा   का दर्जा का अधिकार सिर्फ हिंदी को ही मिले, श्री राजू काले ने भी पत्रकारों को बताया की बेशक देश में मराठी, गुजराती, बंगाली, तमिल , अंग्रेजी आदि तरह के तमाम  भाषायें लोगों द्वारा उनकी सहूलियत से बोली जाये , लेकिन हिंदी को विशेष तौर पर भारत में राष्ट्रभाषा का सम्मान व् मान्यता अवश्य  मिलना चाहिये। क्योकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद के अनुसार वास्तविक तौर पर हिंदी ही भारत संघ की राष्ट्रभाषा के रूप में मूल अधिकारी है ।



इस परिचर्चा  के आयोजक 
पुलिस पब्लिक प्रेस राष्ट्रीय पत्रिका की सीनियर रिपोर्टर और हिंदी वेलफेयर ट्रस्ट की सदस्या श्रीमती सीमा पारीक  ने इस परिचर्चा के आयोजन में उपस्थित समस्त पत्रकारों का विशेष आभार एवम् हार्दिक अभिनदंन व्यक्त करते हुवे कहा कि आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी के सम्मान का ये अभियान किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पुरे राष्ट्र का अभियान है , हिन्दुस्तान के हर नागरिक  का अभियान है इसके लिए भारत के  सम्पूर्ण पत्रकार जगत को हिंदी वेल्फेयर ट्रस्ट के संस्थापक मा.विजय जी के साथ मिलकर देश में हिंदी को राष्ट्रभाषा की मान्यता व सम्मान दिलाने के लिए जन जागरूकता लानी नितांत आवश्यक है, क्योकि आज देश को आजाद हुवे पुरे 70 साल हो गए किन्तु भारत देश का हिंदी  राष्ट्र भाषा अभी तक घोषित नहीं हो पाया , जिसकी वजह से आम जनमानस को भारत के ही विभिन्न राज्यों व् प्रादेशिक राज्यों में भिन्न भिन्न  प्रकार  के राज्यों में किसी भी प्रकार के विजनेश ,व्यापार, तथा किसी भी प्रकार के आदान ,प्रदान ,व्यव्हार हेतु लोगो को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ,जिसे ध्यान में रखते हुवे विजय जैन एवम् सीमा पारीक ने कहा की  समूर्ण भारतीय नागरिकों जाग्रित करने माध्यम सिर्फ मिडिया ,पत्रकारिता जगत से जुड़े पत्रकारों के योगदान से ही संभव है.


कार्यक्रम में मैं भारत हूँ, की कार्यकारिणी संपादिका श्रीमती अनुपमा शर्मा एवं  कल्पना शर्मा ,के अतिरिक्त मीरा भायंदर के विभिन्न पत्रकारों के साथ साथ मुम्बई मास टाइम्स के संपादक ,लक्ष्यधारी के संपादक,तथा क्राइम स्टॉप के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार , क्राइम रिपोर्ट वेलफेयर अशोसिएसन्  टीम प्रातःकाल संवाददाता शतिष पटेलऔर राष्ट्रिय हिंदी  साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक एवं उत्तर प्रदेश की जनता द्वारा मनोनित संयुक्त समाज दल के  जनता द्वारा निवार्चित राष्ट्रिय अध्यक्ष एम के मौर्य अपने प्रमुख कार्यकर्ता विमलेश दुबे के साथ कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी दर्ज कराये ।जहाँ हिंदी वेल्फेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष


विजय जी ने इस अभियान को तीव्रता से अपने अपने समाचार
पत्रों के माध्यम से देश के कोने कोने में जनजागृति लाने के लिएजनहित में हिंदी राष्ट्रभाषा को  केंद्र सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट से मान्यता व् सम्मान दिलाने हेतु सम्पूर्ण देशवासियों को एकजुट आवाज उठाने की मन किया ।तथा 14 सितम्बर 2016 को मुम्बई मराठी पत्रकार संघ  कक्ष  में बजे होने वाली परिचर्चा तथा 16 सितम्बर 2016 को लखनऊ में होने वाली परिचर्चा और दिल्ली में होने वाली परिचर्चाओ के सन्दर्भ में अवगत कराटे हुवे उपिस्थित पत्रकारों को धन्यवाद देते हुवे  हिंदी को मिले राष्ट्रभाषा का सम्मान। यही है सभी पत्रकार एवं देशवासियों का अभीयान । 
परिचर्चा का समापन ककरत हुव उपस्थित समस्त सज्जनो व् 

निवेदक
बिजय कुमार जैन : 9322307908
सम्पादक
मैं भारत हूँ
संस्थापक
हिंदी कल्याण न्यास

Tuesday, 15 November 2016

सरलता और शीघ्र सीखी जाने योग्य भाषाओँ में हिंदी सर्वोपरि है | -लोकमान्य तिलक


न्यायाधीशों की आधिकारिक भाषा नहीं बनेगी हिंदी

केंद्र सरकार ने हिंदी को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कामकाज की आधिकारिक भाषा बनाए जाने से इनकार किया है। सरकार ने कल शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपने हलफनामे में कहा है कि किसी भी भाषा को न्यायाधीशों पर थोपा नहीं जा सकता। हिंदी को इन न्यायालयों में कामकाज की आधिकारिक भाषा बनाने में केंद्र सरकार को सख्त विरोध का सामना करना पड़ा है। सरकार ने 18वें विधि आयोग की सिफारिशें मान ली हैं, जिसमें कहा गया है कि हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाना सार्थक नहीं है। जजों को अपना निर्णय अपनी पसंद की भाषा में सुनाने का अधिकार होना चाहिए। हर एक नागरिक और हर एक अदालत को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय जानने-समझने का अधिकार है और यह स्वीकार करना होगा कि अंग्रेजी ही अभी फिलहाल ऐसी भाषा है, जिससे यह काम हो सकता है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि यदि हिंदी को जबरन थोपा गया तो न्यायिक प्रशासन के साथ-साथ न्यायाधीशों की क्वालिटी और उनके निर्णयों पर भी बहुत बुरा असर पड़ेगा। दोनों पक्षों के वाद-विवाद, कानून की किताबें और केस स्टडी लगभग सभी अंग्रेजी में होते हैं। ऐसे में जजों के लिए अंग्रेजी बस संप्रेषण का काम नहीं कर रही होती, बल्कि यह उनके निर्णय का एक हिस्सा होती है।


Monday, 14 November 2016

हिंदी वेलफेयर ट्रस्ट की तरफ से सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं - बिजय कुमार जैन

सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं


किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कृपया संपर्क कर सकतें है, २४ घंटे ३६५ दिन
निवेदक
बिजय कुमार जैन : 9322307908
संस्थापक

कृपया हमारे सोशल साइट्स पर विजिट करें और हिंदी के बारे में जानकारी लें